कौन कर सकता है नेत्रदान?
कौन कर सकता है नेत्रदान? : कोई भी इंसान नेत्रदान कर सकता है। इसमें उम्र कोई मायने नहीं रखती है बस जो व्यक्ति नेत्रदान करना चाहता है उसे आईबैंक में जाकर अपना पंजीकरण करवाना होता है। जिससे मरने के बाद उसकी आँखे किसी को दे दी जायें।
कौन नहीं कर सकता है नेत्रदान? : हालांकि कोई भी इंसान नेत्रदान कर सकता है लेकिन जिनको एड्स, सिफलिस, या ब्लड से सम्बंधित इन्फेक्शन हो या फिर जिनकी मृत्यु रेबीज से हुई हो तो ऐसे व्यक्ति नेत्रदान नहीं कर सकते हैं।
क्यों महत्वपूर्ण है नेत्रदान? : अपने मरने के बाद करने वाले नेत्रदान से आप किसी ऐसे व्यक्ति को आँख दे सकते है जिसकी आँख कॉर्नियल इन्फेक्शन के कारण ख़राब हो चुकी है। आप अपने इस काम से उस व्यक्ति को और उसके परिवार को ढेर सारी खुशियाँ दे सकते हैं।
मै कैसे नेत्रदान कर सकता हूँ? : इसके लिए आपको कुछ ख़ास नहीं करना है बस आपको नजदीकी आईबैंक में जाकर सिर्फ अपना पंजीकरण करवाना है कि आप अपनी मृत्यु के बाद अपनी आँखे दान करना चाहते है। इसके बाद बैंक वाले आपसे कुछ फॉर्म भरवाते हैं और फिर आसानी से आपका रजिस्ट्रेशन हो जाता है।
क्या डायबिटिक या कैंसर मरीज नेत्रदान कर सकते हैं? : जी हाँ जो लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं या कैंसर के मरीज हैं वो भी नेत्रदान कर सकते हैं। यहाँ तक की जो लोग चश्मा लगाते हैं या जिनको हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो वो भी नेत्रदान कर सकते हैं।
क्या अंधे लोग नेत्रदान कर सकते हैं? : ऐसे लोग जो अंधे होते हैं वो भी अपनी आँखे दान कर सकते हैं बशर्ते कि उनकी कॉर्निया खराब ना हुई हो। इस समय भी कई ऐसे अंधें लोग हैं जिनकी कॉर्निया पूरी तरह सुरक्षित रहती है। यदि कॉर्निया सही स्थिति में है तो अंधे लोग भी आराम से नेत्रदान कर सकते हैं।
क्या जीवित व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है? : जी नहीं जीवित व्यक्ति नेत्रदान नही कर सकता है यह नियमों के पूरी तरफ खिलाफ है।
अगर मृतक व्यक्ति ने पंजीकरण नहीं किया है तो क्या उसके फॅमिली के लोग नेत्रदान की अनुमति दे सकते हैं? : जी हाँ अगर मृतक व्यक्ति ने अपना पंजीकरण नहीं करवाया है तो उसके आकस्मिक मृत्यु के बाद उसके परिजन या कोई निकट सम्बन्धी आईबैंक को जानकारी देकर, सारी प्रक्रिया को पूरा करके मृतक व्यक्ति का नेत्रदान करवा सकते हैं। यह प्रक्रिया पूरी तरह से लीगल है।
क्या नेत्रदान में पैसे लगते हैं? : जी नहीं नेत्रदान के कोई भी पैसे नहीं लगते हैं और आईबैंक नेत्रदान करने वाले को भी कोई पैसे नहीं देता है। यह एक पुण्य का काम होता है इसमें पैसे का कोई इस्तेमाल नहीं होता है।
क्या नेत्रदान से अंतिम क्रिया में देरी होती है? : अगर आपको लगता है कि इस पूरी प्रक्रिया के कारण मृतक के अंतिम संस्कार में देरी होती है तो आप गलत हैं। आपको बता दें कि नेत्रदान में मात्र 15 से 20 मिनट का समय लगता है।
क्या नेत्रदान में किसी तरह की धार्मिक समस्या होती है? : अक्सर लोगों के पास कई तरह के सवाल होते हैं कि उनके धर्म में आँख या कोई भी अंग को दान करने की इजाजत है कि नहीं। कुछ धर्मों में किसी भी अंग को दान करने की इजाजत नहीं होती है। जबकि यह काम किसी भी धर्म से ऊपर होता है इससे आप किसी को नई जिंदगी दे सकते हैं।
क्या नेत्रग्राही को नेत्रदाता की जानकारी देनी होगी? : जी नहीं इसकी कोई भी जरुरत नहीं होती है ना तो नेत्रदाता और ना ही नेत्रग्राही, किसी के भी परिवार को इसकी जानकारी देने की जरुरत नहीं होती है। आईबैंक ये जानकारी पूरी तरह गुप्त रखता है।